संस्कारधानी का भक्त इतना समझदार नहीं है की आने वाली पीढ़ियों के लिए हमें जल बचाना चाहिए या नहीं, देखिए यह खबर

हमारा इंडिया न्यूज हर पल हर खबर मध्यप्रदेश/जबलपुर। (डॉ हर्ष कुमार तिवारी के फेसबुक से) वक्त एक दरिया है... 52 ताल तलैया का शहर जबलपुर.. जहां महारानी दुर्गावती की शौर्य गाथा और जल प्रबंधन प्रख्यात रहा है कई 100 वर्ष पूर्व इस शहर के जल प्रबंधन को लेकर महारानी दुर्गावती ने जो प्रयास किए वह आज भी जीवंत है लेकिन आज का नागरिक इस शहर का क्यों उसे सहेज कर नहीं रख पा रहा है क्या कमी हो रही है हमारी संकल्प शक्ति में पिछले दिनों तीजा पर्व गणेश विसर्जन पर्व मनाया गया। 



आप स्वयं अपनी आंखों से हनुमान ताल और अन्य तालाबों की स्थिति देख सकते हैं। नर्मदा नदी की बात क्या कहें.. क्या संस्कारधानी का भक्त इतना समझदार नहीं है की आने वाली पीढ़ियों के लिए हमें जल बचाना है जल स्रोतों को साफ स्वच्छ रखना है क्या सारी जवाबदारी नगर निगम की है या प्रशासन की हम कब अपने अंतर्मन की चेतना को जागृत करेंगे हमारे प्रधानमंत्री जी का आवाहन है यह मैं अपने शहर को स्वच्छ बनाना है तो हम क्यों महारानी दुर्गावती की आत्मा को दुखी कर रहे हैं आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सोचिए जरा अपनी श्रद्धा आस्था का विसर्जन क्यों कर रहे हैं जब सरकार आपको सुविधा दे रही है विसर्जन कुंड की तो उसका उपयोग करिए अभी कल ही हनुमान ताल की स्थिति हमने देखी बहुत पीड़ा हुई हम फिर नई नगर सत्ता से महापौर जगत बहादुर अनु से और उनकी परिषद से उम्मीद कर रहे हैं की हनुमान ताल और सारे तालाबों के चारों ओर बड़ी-बड़ी लोहे की फेंसिंग करा दी जाए ताकि इस तरह के विसर्जन और कचरा फेंकने पर प्रतिबंध लग सके साथ ही नागरिकों के सोते हुए मन को भी जगाने का प्रयास करें सकारात्मक रूप से जन जागरण के माध्यम से.. हमें केवल अभी इतना याद आ रहा है कहीं पढ़ा हुआ.......वक्त एक दरिया है इसके साथ रहना सीख लो वरना यह तुमको बहाकर बेझिझक ले जाएगा......  जबलपुर मध्य प्रदेश

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