हमारा इंडिया न्यूज (हर पल हर खबर)मध्यप्रदेश/जबलपुर। क्या हमारे दिल में है... बचपन के दिन और हमारे घर के सामने की सड़क.. सिटी कोतवाली से.. साठिया कुआं तक जाने वाली यह सड़क.. कभी-कभी जब अकेली होती सुनसान होती और हम उस सड़क पर चलने का प्रयास करते हैं तब इंकलाब जिंदाबाद वंदे मातरम जैसे नारे सुनाई देते.. तब हम समझ नहीं पाते थे.. यह शब्द क्या चमत्कार कर रहे हैं या इन शब्दों ने क्या चमत्कार कर दिया देश में... धीरे-धीरे हम बड़े हुए.. इतिहास को पढ़ा और समझा... और इस ऐतिहासिक सड़क को भी करीब से समझने का प्रयास किया... और अपने पिताश्री डॉक्टर सुमित्र से इस संदर्भ में बात की तो उन्होंने बताया कि जब तुम लोग छोटे-छोटे थे तो हमारे घर में बहुत बड़े साहित्यकार राजनेता ब्या.राजेंद्र सिंह जी आया करते थे.. यह ऐतिहासिक सड़क उन्हीं के घर तक जाती है इस महत्वपूर्ण सड़क पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चरण पड़े हैं... और भी स्वतंत्रता आंदोलन के जाने कितने राजनेता इस सड़क से होकर गुजरे है... इसलिए शायद हम सभी के मन में राष्ट्रप्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी हुई है मन यह सोच कर प्रफुल्लित हो जाता है हम भी उन सड़कों पर चलते हैं जहां से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी गुजरे हैं.. वैसे तो संस्कारधानी जबलपुर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के अनेक यात्राएं हुई सभी महत्वपूर्ण है लेकिन यह सड़क इसलिए मेरे लिए महत्वपूर्ण है यह हमारा घर भी यही है और बचपन भी इसी सड़क पर बीता है.. बात सही भी है की इमारतें अपनी कहानियां खुद कहती है आज 2 अक्टूबर को हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर उन्हें याद कर रहे हैं वर्तमान में इस सड़क का नामकरण है राधिका प्रसाद वर्मा मार्ग.. हम सभी लोग जो इतिहास से प्रेम करते हैं देश से प्रेम करते हैं वह बस यही चाहते हैं नई नगर सत्ता से महापौर जगत बहादुर अनु से और उनकी परिषद से यह संस्कारधानी जबलपुर कि हमारी ऐतिहासिक विरासत को बचाने सजाने सवारने और युवाओं को परिचित कराने का प्रयास करें.. फिर भी आज के दिन अभी हम उसी सड़क पर खड़े हैं और राष्ट्रपिता को नमन करते हुए... शायद यह सड़क यह कहना चाहती है...वक़्त आने दे दिखा देंगे ..तुझे ऐ आसमाँ
हम अभी से क्यूँ बताएँ क्या हमारे दिल में है... डॉ हर्ष कुमार तिवारी जबलपुर मध्य प्रदेश के फेसबुक वॉल से