अब भूख मिटाना भी हो रहा मुश्किल, राशन देने के नाम पर इतने जतन की राशन लेने वाले हितग्राहियों का हो रहा पतन, जानिए इस खबर में सबकुछ


एक नजर में यह भी

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:- एएबाय यानि कि महागरीबी रेखा वाले जिसे पीला कार्डधारी भी कहा जाता है।

:- बीपीएल यानि की नीला कार्डधारी वाले जो कि गरीबी रेखा में आते हैं।

:- पात्रता पर्ची के माध्यम से श्रमिक कार्डधारी, कामकाजी महिला, एसटीएससी सहित ऐसे निर्धन वर्ग के लिए 30 कैटेगिरी निर्धारित की गई है, जिनको राशन दिया जाता है।


पात्रता पर्ची व गरीबी रेखा कार्डधारियों को मिलने वाला लाभ

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:- गेंहू प्रति सदस्य के हिसाब से दो किलो 1 रूपये में।

:- चावल प्रति सदस्य के हिसाब तीन किलो 1 रूपये में।

:- 1 किलो नमक 1 रूपये में।


महागरीबी रेखा कार्डधारियों को मिलने वाला लाभ

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:- गेंहू प्रति सदस्य के हिसाब से दो किलो 1 रूपये किलो में।

:- चावल प्रति सदस्य के हिसाब से तीन किलो 1 रूपये किलो में।

:- 1 किलो नमक 1 रूपये में।

:- 1 किलो शक्कर 20 रूपये में।


हमारा इंडिया न्यूज (हर पल हर खबर) मध्यप्रदेश/जबलपुर। शासकीय उचित मूल्य दुकानों से हितग्राहियों को राशन हासिल करने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, सर्वर के डाउन या बंद होने से अपने काम धंधा को छोड़कर राशन लेने के लिए आने वाले तमाम हितग्राहियों को कई घंटे इंतजार करना पड़ रहा है, इतना ही नहीं कई बार तो बिना राशन लिए और काम धंधे का नुकसान कर खाली हाथ घर वापस जाना पड़ता है। जिससे हितग्राहियों को एक नहीं बल्कि कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।



गौरतलब है कि राशन वितरण प्रक्रिया में आए बदलावों के बाद से उपभोक्ताओं को राशन वितरण करने में अनेकों कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जहां पूर्व में दो अलग योजनाओं के वितरण हेतु एक ही बार उपभोक्ता का फिं गर स्कैन करना होता था, लेकिन अब एनएफएसए और पीएमजीकेएबाय जैसी दोनो योजनाओं के लिए अलग अलग बार पिंगर स्कैन करने में कठिनाइयां आ रही है, साथ ही पोर्टल का सर्वर लगातार डाउन होने की वजह से एक ही उपभोक्ता को राशन वितरण करने में 15 मिनिट से लेकर आधा घंटे का समय लग जाता है, यदि भीड़ ज्यादा है तो हितग्राही को राशन प्राप्त करने में कम से कम 3 से 4 घंटे का वक्त लगता है और कई बार बीच में संपूर्ण सर्वर डाउन हो जाए तो फिर बिना राशन लिए ही हितग्राही को घर जाना पड़ता है।


नेटवर्क का टाईम आउट भी बन रहा मुसीबत

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वहीं इस संबंध प्राप्त जानकारी के अनुसार हितग्राही कोर राशन वितरण करने के दौरान नेटवर्क टाइम आउट होने के कारण पुन: पूरी प्रक्रिया को प्रारंभ करना पड़ता है, इस वजह से 1 दिन में 9 से 10 घंटा दुकान खोलने पर भी औसत 35 से 40 कार्डधारी को राशन वितरित हो पाता है, इस वजह राशन वितरित करने वाले केंद्रों पर भी निरंतर दबाव बढ़ रहा है और हितग्राहियों द्वारा 181 पर शिकायत की आशंका बनी रहती है, सर्वर प्रोब्लम नहीं होने पर भी एनएफएसए का राशन निकलने के बाद पीएमजीकेएबाय  राशन निकलने में नेटवर्क स्लो हो जाता है, कही न कही यह नेटवर्क की कमजोरी है एवं एनआईसी द्वारा भी इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा, जिससे हितग्राही व राशन दुकान संचालक को कई तरह की परेशानियां उठानी पड़ रही है।


पूर्व की तरह वितरण प्रणाली करने की उठ रही मांग

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वहीं परेशानियों का सामना कर रहे कुछ हितग्राहियों ने बताया कि मशीन में दोनों योजनाओं के राशन वितरण के लिए उपभोक्ता का दो बार अंगूठा लगवाना पड़ पड़ता है, किसी का फिंगर नहीं आता है तो एक कार्ड में 10 से 15 मिनट लग जाते हैं और जिससे वितरण भी प्रभावित हो रहा है और सीएफ है तो तीन बार लगाना पड़ता है। जिसको लेकर पूर्व में जारी वितरण व्यवस्था को दोनों योजनाओं में लागू करने की मांग की जा रही है, ताकि राशन लेने आने वाले हितग्राही व दुकानदार किसी भी प्रकार से परेशान न हो सकें।


हितग्राही व दुकानदारों के लिए बनी हुई है यह भी समस्या

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संपूर्ण मध्यप्रदेश में शासकीय उचित मूल्य की राशन दुकानों में अन्नपूर्णा योजना एवं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत खाद्यान का वितरण पीओएस मशीन के माध्यम से किया जाता है। वर्तमान में वितरण एवं केव्हाय सी का कार्य किया जा रहा है, आए दिन सर्वर की समस्या बनी रहती है, बताया गया है कि पिछले करीब 10.12 दिन से सर्वर की समस्या काफ ी बनी हुई है, जिससे वितरण प्रभावित हो रहा है, उपभोक्ताओं की केव्हायसी भी करीब 4.5 बार की जा चुकी, लेकिन इसके बाद भी फेल बता रही है। ऐसी स्थिति में उपभोक्ताओं द्वारा बेवजह विक्रेताओं से भी अभद्र व्यवहार किया जाता है, इस संबंध में दुकानदारों ने बताया कि सर्वर की समस्या से क्षेत्रीय अधिकारी को अवगत भी करा दिया जाता है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। जिससे वितरण एवं आधार सीडिंग का कार्य प्रभावित हो रहा है, बार बार आधार हेतु उपभोक्ताओं को बुलाने पर वह नाराज हो जाते हैं। 


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