हमारा इंडिया न्यूज (हर पल हर खबर) मध्यप्रदेश/जबलपुर। नेताओं को सिर्फ श्रेय मिल जाएं और सुर्खियों में बने रहें, इसलिए वह काम करते हैं, वह जिन पैसों को हम विभिन्न टैक्स के माध्यम से सरकार के खजाने में जमा करते हैं, उन्हीं पैसों से हमें विभिन्न योजनाओं का लाभ अर्जित होता है और नेता फिर चाहे सांसद हो, विधायक या फिर कोई अन्य जनप्रतिनिधि ही क्यों न, वह हमें हमारे ही दिए हुए पैसों के एवज में मिलनी वाली सुविधाओं व लाभ से लगातार वंचित करते रहते हैं, अब इन्हीं सभी जिम्मेदारों की उदासीनता की वजह से सैंकड़ों बच्चों को मिलने वाला लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिसकी वानगी इधर देखने को मिली।
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राज्य शासन के द्वारा पच्चीस आदिवासी बाहुल्य जिलों के स्कूली छात्र छात्राओं को नि:शुल्क साइकिल प्रदान की जा रही है, इन जिलों में बांटने के लिए राज्य शासन ने चालीस हजार साइकिल बुलाई है, लेकिन इनमें से ज्यादातर साइकिल जबलपुर जिले में भेज दी गई, जबकि जबलपुर जिले में साइकिल बांटने की योजना अभी लागू ही नहीं है, ऐसे में सैकड़ों की तादाद में आई साइकिल अब बंद गोदाम में धूल खा रही हैं और रखे रखे कबाड़ में तब्दील हो रहीं, इन साइकिलों के वितरण में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसमें राज्य सरकार ने सप्लायर को साइकिल भेजने का आर्डर तो दे दिया है, लेकिन उसे जिलों के नाम नहीं बताए, जहां साइकिल भेजना थी, ऐसे में सप्लायर ने आधे से ज्यादा साइकिल जबलपुर जिले में ही उतार दी, लंबा समय बीत जाने के बाद भी इन साइकिलों को उन जिलों तक नहीं भेजा गया, जहां यह योजना लागू है, ऐसे में छात्र-छात्राएं राज्य शासन के द्वारा दी जाने वाली साइकिल की सुविधा का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, इधर जबलपुर जिले के योजना अधिकारी भोपाल में बैठे शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों से लगातार निर्देश मांग रहे हैं, की सायकिल का वितरण संबंधित जिलों में करवा दें, लेकिन कोई भी जवाब नहीं मिल रहा है, राज्य शासन के अधिकारी और सप्लायर के बीच समन्वय स्थापित ना होने की वजह से छात्र-छात्राओं को साइकिल नहीं मिल पा रही है, हालात यह है कि लंबे समय से धूल खा रही साइकिले अब कंडम होने की स्थिति में पहुंच गई हैं, जिला योजना अधिकारी रामानुज तिवारी ने बताया कि समन्वय की कमी की वजह से योजना का पूरा लाभ छात्र छात्राओं को नहीं मिल पा रहा है, उन्हें अभी भी शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देश का इंतजार है, तभी यह साइकिल बताए गए जिलों तक भेजी जाएंगी।
कहीं ना कहीं इस पूरे मामले में जितने दोषी संबंधित अधिकारी और संबंधित विभाग हैं, उससे ज्यादा दोषी जनता के द्वारा चुने गए उनके जनप्रतिनिधि भी हैं, फिर चाहे वह सांसद हो या विधायक हो या फिर अन्य कोई जनप्रतिनिधि, वह भी इस मामले के दोषी हैं, की उन्होंने अपने क्षेत्र के बच्चों को मिलने वाले लाभ की फिक्र क्यों नहीं की, क्या यह सिर्फ किसी भी चीज के वितरण के दौरान फोटो उतरवाने के लिए चुने जाते हैं।
आपने देखी है हमारा इंडिया न्यूज चैनल से वीरेंद्र शर्मा की यह रिपोर्ट