जबलपुर में लगा बागेश्वर धाम वाले महाराज का दिव्य दरबार, आप भी देखिए यह वीडियो

 

हमारा इंडिया न्यूज हर पल हर खबर मध्यप्रदेश/जबलपुर। वैश्विक आध्यात्मिक गगन में ध्रुवतारा से चमक रहे बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज की शहर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का तीसरा दिन उनके बहुचर्चित ‘दिव्य दरबार’ के नाम रहा। पनागर से अमरीका तक इसकी चर्चा रही। दरबार लगाने के पूर्व महाराजश्री ने चमत्कारिक समझे जा रहे इस ‘परचा’ के बारे में कहा कि इस परचे का आधार श्री बाघेश्वर धाम सरकार की महा कृपा है। उन्होंने दो टूक कहा कि ये परचा तो बहाना है..हमारा असल उद्देश्य तो सबको सांसारिक पीड़ा से निजात दिला कर उनका हाथ श्री बाघेश्वर धाम सरकार को पकड़ाना है।

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अमेरिका से आए भाई-बहन-:दिव्य दरबार में आज अमेरिका के कैलिफोर्निया से भी भक्त आए। अमरीका रह रहा उनका भक्त दिल्ली रहने वाली बहन के साथ दरबार में पहुंचा। उसने बताया कि वो बाघेश्वर धाम महाराज के दर्शनों को गया था, ये पता लगने पर कि आप यहां हैं, जबलपुर आ गया। भीड़ देख कर मैं लौटने लगा था कि आपने मंच ने बुला लिया। अचानक बुलावे और मन के प्रश्न जान लेने पर वो अवाक रह गया। दरबार में यूपी-बिहार-उड़ीसा के लोग भी मंच पर बुलाए गए। वहीं शहर के सुहागी-रांझी, पनागर-सुहागी सहित पूरे शहर के लोग मंच से बुलाए गए।



अवाक रह गए भक्तगण-:मंच से बुलाए जाने पर लोग अवाक रह गए। पंडाल के बाहर खड़े लोगों को भी महाराजश्री ने नाम लेकर बुलाया। इस दौरान पारिवारिक-शारीरिक-भौतिक समस्याओं से लेकर रुहानी समस्याओं से परेशान लोग भी मंच पर बुलवाए गए। किसी को मंत्र दिया गया तो किसी को जप करने की सलाह दी गई। किसी को बागेश्वर दर्शन तो किसी को झाड़ा करने या कवच देने की बात उन्होंने कही। आभाषी माघ्यम से जुड़े विश्व भर के लाखों भक्तों पर भी महाराज श्री ने कृपादृष्टि बरसाई। सभी से मुट्ठी बंद कर मंत्र उच्चारित करा समस्या मन में कहने और बाघेश्वर धाम की दिशा में छोड़ने का निर्देश देते हुए महाराज श्री ने कहा कि अब आपकी समस्या और प्रश्न बाघेश्वर धाम सरकार की शरण में है, इसलिए आप निश्चिंत हो जाएं।



कब तक हंसी उड़वाओगे-: दरबार से पहले महाराजश्री ने पंडाल में बैठे लाखों भक्तों से कहा कि अंधविश्वास के नाम पर आप कब तक शोषित-प्रताड़ित होते हुए अपनी हंसी उड़वाते रहोगे। भक्तों से मुखाबित महाराजश्री ने कहा मेरे पागलो, अर्जी तो स्वीकार होनी ही है क्योंकि आपका विश्वास बागेश्वर धाम सरकार पर है। उन्होंने कहा कि आज के बाद या तो हनुमानजी महाराज को मानना छोड़ दो, या फिर सब कुछ हनुमानजी महाराज पर छोड़ दो। उन्होंने कहा कि जिस दिन से हम भगवान के हो जाएंगे, उस दिन से हमारा भटकना बंद जो जाएगा। उन्होंने उन लोगों को ललकारा जो कहते हैं कि संसार में ईश्वर नाम की कोई शक्ति नहीं है। भगवान के होने के बाद घबड़ाना बंद हो जाएगा। शर्त यही है कि उनके होने के बाद बस उनके सहारे रहना पड़ेगा।







दूसरे धर्म वाले भी कहेंगे हरि-हरि-:सनातन और हिंदू शब्द पर उन्होंने कहा कि तुम हमारा साथ दो हम तुम्हें हिंदू राष्ट देंगे। हम चाहते हैं कि आने वाली पीढ़ी राम की पूजा गर्व के साथ कर पाए। तुम्हारी बेटी बहू लव जेहाद में न सताई जाए। इसके अलावा कोई और उद्देश्य दरबार लगाने का नहीं है। उन्होंने कहा कि चार-पांच साल रुकिए हम दूसरे धर्म वाले भी हरि-हरि बोलेंगे। उन्हें बोलना ही पड़ेगा, हम बुलवा के रहेंगे। उनका कहना था कि परचा तुम्हारे लिए बड़ा विषय होगा, हमारे हनुमानजी के लिए ये विषय नहीं है। उनके लिए ये खेल है। इंसान की खोपड़ी बहुत खतरनाक होती है। एक प्रश्न पूरा होगा तो दूसरा खड़ा हो जाएगा। एक दर्द ठीक होगा, दूसरा ठीक होगा। प्रश्न की झड़ी लगती जाएगी। परचा खतम हो जाएंगे समस्या खतम नहीं होगी। बात एक समस्या की नहीं जीवन में समस्या न हो, इसकी है। हर समस्या का समाधान पाना चाहते हो तो प्रभु के हो जाओ।



महाराजश्री के श्रीमुख से--

* न हमें चमत्कार दिखाना न प्रदर्शन करना हमें बस समस्या का समाधान करना है।

* बाघेश्वर धाम में कोई फीस शुल्क नहीं देना है, हमारे हनुमान जी बिकाऊ नहीं है।

* हमें दान की नहीं, हमें हनुमान की आवश्यकता है।

* हनुमानजी की कृपा बिकती नहंी, बरसती है।

*  भगवान और धर्म के नाम पर हम धंधा नहीं चलने देंगे।

* भक्त बन के आओगे तो हम मिलेंगे, प्रोटोकाल सपोर्ट से आओगे तो नहीं मिलेंगे

* नफरत नहीं हम प्रेमवादी हैं, गर्व से कहो हम हिंदुत्ववादी हैं।

* अब मस्तक पर तिलक होगा, भारत हिंदू राष्टÑ होगा।

* बात एक समस्या की नहीं जीवन में समस्या न हो, इसकी है।



विजेता बनना है तो मन की लगाम परमात्मा को सौंप दो


भागवत कथा के तीसरे दिन पं. धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री जी ने बताई समर्पण की महिमा



जीवन संग्राम के सभी युद्ध यदि जीतना है तो स्वयं की लगाम परमात्मा को सौंप दो। लगाम अपने हाथों में रखोगे तो हारना ही पड़ेगा। ये बात बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. श्री धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्रीजी महाराज ने कही। वे पनागर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन व्यास पीठ से कथा पर प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि अर्जन ने महाभारत युद्ध जीता ही इसलिए क्योंकि रथ की डोर उन्होंने भगवान को सौंप दी थी। हम भी जीवन संग्राम में उतरने के पहले खुद को परमात्मा को सौंप दें।


गीता हनुमानजी ने सुनी-:महाराजश्री ने कहा कि ऐसा मेरा मानना है कि अर्जुन का मोह तो बहाना था। श्रीकृष्ण जी को गीता ज्ञान तो श्री हनुमानजी को सुनाना था, जो रथ के शीर्ष पर विराजमान थे। श्री हनुमानजी महाराज ने रामजी से सदा प्रार्थना की थी कि उन्हें ज्ञान प्रदान करें। हनुमानजी ने युद्ध का भार सम्हाल लिया। हम भी भगवान की शरण लेंगे तो हनुमानजी महाराज हमारे बोझ ले लेंगे।


सय्यम जीवन का बड़ा मंत्र-:राजा पारीक्षित की कथा सुनाते हुए महाराज श्री ने कहा कि सय्यम जीवन को बड़ा सिद्ध मंत्र है। राजा पारीक्षित को आत्म नियंत्रण के चार उपाय बताए गए। आसन पर स्थिर रहो, श्वासों को साधो, संग-सत्संग पर ध्यान दो और इंद्रियों को जीत लो। दिती कश्यप की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि संध्या के समय निंद्रा-भोजन, मैथुन और स्वाध्याय करने पर दोष लगता है।


सुमति-कुमति का खेल-: उन्होंने कहा की जीवन में सब कुछ सुमति और कुमति पर निर्भर होता है। श्रीरामचरित मानस में विभीषण जी भी सोते हैं, कुंभकरण भी सोते हैं। ये दोनों जगाए जाते हैं। इन दोनों में सुमति-कुमति का अंतर है। जिस पर रघुनाथ की कृपा होती है उसमें सुमति होती है, और उसे संत जगाता है। जिसमें कुमति होती है, उसे रावण जगाता है। अत: सुमति यानी बुद्धि को ईश्वरीय बनाने के लिए संतों का संग करो।


किसी के चक्कर में मत पड़ो-:उन्होंने कहा कि जीवन सफल करना है कि किसी के चक्कर में पड़े बिना भगवान के चक्कर में पड़ो। उन्होंने कहा कि मुझ पर बागेश्वर धाम महाराज की कृपा है। आप भी हाथों में नारियल लेकर बाघेश्वर सरकार से बोलो बहुत धक्के खा लिए। आज से हम तुम्हारे और तुुम हमारे। इतना कह कर लौट आना फिर तुम जिस दिन भी जाना पेशी करने। जरूरी नहीं मंगल को जाना। जिस दिन जाओगे वो दिन मंगल का होगा। घर बाघेश्वर हो जाएगा।


महापौर ने की आरती-:कथा के पूर्व महाराजश्री ने श्रीमद भागवत कथा पोथी और भगवान की पूजन की। आयोजन समिति की ओर से हुई आरती में आज शहर के प्रथम नागरिक महापौर जगत बहादुर अन्नू सहित समाजसेवी लेखराज सिंह, सत्येन्द्र पटेल और अन्य विशिष्टजन शािमल हुए। महाराज श्री ने सभी को रामनामी पहना आशीर्वाद दिया। आयोजक पनागर विधायक सुशील ुइंदू तिवारी ने सभी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि आज मंगलवार को भी सुबह 10 बजे से दिव्य दरबार लगेगा। एवं दोपहर निर्धारित समय से भागवत कथा होगी।


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