यह इंसान बच्चों की मुस्कान के लिए कर रहा कुछ ऐसा काम, सभी कर रहे उसे दिल से सलाम, आप भी जरूर देखिए यह वीडियो और खबर

हमारा इंडिया न्यूज (हर पल हर खबर) मध्यप्रदेश/जबलपुर।दुनिया में आज भी ऐसे लोग हैं, जो नि:स्वार्थ भाव से पीडि़त मानवता की सेवा में स्वयं तो लगे होते हैं और साथ में अपने परिवार को भी शामिल किए होते हैं, जिनके सेवाभावी कार्य से तमाम पीडि़तों का दुख दर्द भी दूर होता है, ऐसा ही कुछ काम मासूम बच्चों के लिए जबलपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म क्रमांक 6 के बाहर मालगोदाम चौक में रेलवे की भूमि में नि:शुल्क दवाई को वितरित करने का कार्य किया जा रहा है। जिससें बच्चों को बुखार, नजर, दस्त लगना, रोने, बच्चों का नींद से चौंकना, सूखा रोग से बचाने आदि की तकलीफ से निजात मिलती है।

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इस संबंध में हमारा इंडिया न्यूज चैनल से खास चर्चा करते हुए बच्चों के लिए सेवाभावी कार्य करने वाले गणेश विरहा ने बताया कि उनको पूर्वजों से जड़ी का ज्ञान व जानकारी उनके घर-परिवार के प्रत्येक सदस्यों को है, जिसके माध्यम से उनके पूर्वज यानि की दादा के समय से 107 वर्ष से बच्चों की तकलीफों को दूर करने का कार्य नि:शुल्क रूप से किया जा रहा है। जिससे बच्चों को नजर, बुखार, दस्त, बार-बार रोना, बच्चों का नींद से चौंकना आदि की जड़ी के बंधने से समस्या दूर हो जाती है और बच्चा स्वस्थ्य रहता है। इनके सेवाभावी कार्य के लिए विभिन्न संस्थाओं ने सम्मानित भी किया जा चुका है।



बुधवार और रविवार को सुबह 6 से 9 बजे तक बंधती है दवाई
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समाजसेवी गणेश विरहा ने बताया कि बच्चों को दवाई बांधने का दिन व समय निर्धारित किया है। जिसमें बुधवार व रविवार को सुबह 6 बजे से लेकर 9 बजे तक दवाई बांधी जाती है। सप्ताह में यह सेवा कार्य केवल दो दिन साइन्टिफिक रीजन के चलते प्रारंभ रहता है। बच्चों की बांधी जाने वाली दवाई एक जड़ी होती है और उसे मंत्र के माध्यम से एक पहले पूजन करके तमाम पीडि़त बच्चों को सूती के कपड़े के माध्यम से बांटी जाती है। जिसको लड़की के उल्टे हाथ व लड़के के सीधे हाथ में दवाई को बांधा जाता है। जिससे एक सप्ताह तक बांधना जरूरी रहता है, उसके बाद दवाई को तालाब व नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है।



सैकड़ों, हजारों की तदाद में आते हैं पूरे भारत से बच्चे
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सेवानिवृत्त चीफ टिकिट इंस्पेक्टर जबलपुर व समाजसेवी गणेश विरहा ने बताया कि उनके पास बच्चों को जड़ी  बंधवाने व प्राप्त करने के लिए जबलपुर के कौने-कौने से तो परिजन अपने-अपने दो से तीन दिन के जन्में नवजात शिशुओं से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चों को लेकर आते हैं, साथ में जबलपुर के विभिन्न क्षेत्रों के अलावा पूरे मप्र के विभिन्न जिले जैसे कि कटनी, दमोह, सागर, भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर, मण्डला, सतना, रीवा, मैहर, नरसिंहपुर, गोटेगांव, गाडरवाड़ा, करेली, पचमढ़ी, इटारसी, नर्मदापुरम, दिल्ली, मुम्बई, गुजरात, सूरत, उत्तरप्रदेश , महाराष्ट्र सहित अन्य कई राज्यों व जिले से लोग अपने-अपने बच्चों को लेकर दवाई बंधवाने व प्राप्त करने आते हैं, वहीं वह कुछ लोगों को कोरियर के माध्यम से भी दवाई भेज दिया करते हैं। एक दिन में कम से कम 500 से लेकर 1000 हजार से अधिक बच्चों को नि:शुल्क दवाई प्रदान करते हैं।

पूरा परिवार कर रहा है सेवा का कार्य
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समाजेसवी गणेश विरहा ने बताया कि सबसे पहले उनके दादा स्व: रामाधीन विरहा, फिर पिता स्व: राम स्वरूप विरहा और अब वह स्वयं और उनकी पत्नि ममता विरहा व बेटी आदिति विरहा व परिवार के अन्य सदस्य सेवानिवृत्त स्टेशन प्रबंधक जबलपुर शांति स्वरूप विरहा, बलराज विरहा इस सेवा कार्य को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी कोशिश यह रहती है कि उनकी इस दवा का लाभ प्रत्येक वर्ग को मिल सके, इसके लिए वह हर संभव प्रयास करते हैं। वहीं उन्होंने बताया कि उनके सेवाभावी कार्य से अनगिनत बच्चों को लाभ मिला है। गणेश विरहा ने बताया कि वह वर्तमान में बिलहरी में रहते हैं और वहां से स्टेशन आकर दवाई बांधने व बांटने का कार्य उनका परिवार कर रहा है और कार को ही घर बनाकर उनके परिवार के लोग दवा को तैयार करने का कार्य करते हैं।









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