हमारा इंडिया न्यूज (हर पल हर खबर) मध्यप्रदेश/जबलपुर।नर्मदा नदी के संरक्षण व संवर्धन और प्रकृति व पर्यावरण को बचाने का संदेश देते हुए नर्मदा जल के महत्व व शक्ति को समाज के सामने बताने का कार्य करने वाले नर्मदा मिशन के संस्थापक दादा गुरू समर्थ भैयाजी सरकार का अचानक से स्वास्थ्य बिगड़ गया है।
गौरतलब है कि दादा गुरू उक्त संदेश देने के लिए 1 हजार 11 दिन से निराहार महाव्रत कर रहे हैं, यानि की सिर्फ नर्मदा जल को ही ग्रहण कर अपना जीवन जी रहे हैं, लेकिन रविवार को अचानक से उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया, जिसके बाद उन्हें शहर के बस स्टेण्ड में स्थित अपोलो अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जहां पर उनका विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में उपचार चल रहा है, इस संबंध में बीमारावस्था में दादा गुरू भैयाजी सरकार से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि वह अपने इस अखण्ड निराहार महाव्रत के माध्यम से देश दुनिया व समाज को यह बताना चाहते हैं कि नर्मदा मां जीवनदायनी है, इसके जल के महत्व को सभी को जानना बहुत जरूरी है, जब नर्मदा जल के महत्व को समझा जाएगा, तभी नर्मदा नदी का संवर्धन व संरक्षण किया जा सकेगा, इसके लिए उन्होंने महाव्रत शुरू किया है, वहीं उन्होंने बताया कि इस महाव्रत का उद्देश्य सिर्फ धर्म, धरा, धेनु, प्रकृति, पर्यावरण और नर्मदा जल के शुद्धिकरण व संवर्धन का संदेश देना है, गौरतलब है कि दादा गुरू 17 अक्टूबर 2020 से मां नर्मदा का जल ग्रहण कर निराहार महाव्रत प्रांरभ किया है, जिसको प्रारंभ किए हुए 1 हजार दिनों से ज्यादा होने जा रहे हैं और उन्होंने किसी भी प्रकार का कोई अन्न व फल या आहार ग्रहण नहीं किया है और मां नर्मदा और प्रकृति पर्यावरण की साधना, रक्षा, सुरक्षा, संरक्षण के संकल्प के साथ आगे बढ़ते चले जा रहे हैं, वहीं दादा गुरू के अनुयायियों ने बताया कि उनके द्वारा धर्म जागरण के साथ-साथ प्रकृति व पर्यावरण को मां नर्मदा को बचाने का जो लगातार कार्य किया जा रहा है, इस संदेश वह अपने इस निराहार महाव्रत से पूरे देश व दुनिया को देना चाहते हैं, वहीं उन्होंने बताया कि 1 हजार 11 दिनों से निराहार होने से विशेषज्ञ चिकित्सक भी आश्चर्यचकित हैं और उनका यह महाव्रत विज्ञान के लिए भी चुनौती बन गया है, देखते रहिए हमारा इंडिया न्यूज