Good News : स्कूल के विद्यार्थियों के लिए खुशखबरी, राज्य शिक्षा केंद्र ने जारी किया आदेश जानिए आप भी

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सरकारी और निजी स्कूलों में प्राथमिक स्कूल के विद्यार्थियों को बस्ते के बोझ से मुक्त बनाने के निर्देश है। विभाग ने बस्ते का वजन निर्धारित से अधिक न हो। यह सुनिश्चित करने के लिए जिलर शिक्षा अधिकारी और जिला परियोजना समन्वयकों को जिम्मेदारी दी गई है। इन्हें माह में स्कूलों में जाकर औचक जांच करनी होगी। ये भी देखना होगा कि हफ्ते में एक दिन बस्ता विहीन ही छोटे बच्चों को स्कूल में बुलाया जा रहा है कि नहीं। निरीक्षण की रिपोर्ट भी विभाग ने मांगी है।

अधिकांश किताब और कापियों की जरूरत भी नहीं होती है
राज्य शिक्षा केंद्र ने नई एजुकेशन पालिसी के तहत बच्चों को बस्ते के बोझ को कम करने की दिशा में योजना लागू की है। इसमें बस्ते का बोझ तय किया गया है वेवजह किताब-कापियों का बोझ बस्ते में भरकर अभी विद्यार्थी स्कूल पहुंचते हैं जबकि अधिकांश किताब और कापियों की जरूरत भी नहीं होती है। ऐसे में बच्चों का बस्ता उनके वजन के बराबर भारी हो जाता है जिस वजह से स्वास्थ्य पर विपरीत असर होता है। ऐसे में राज्य शिक्षा केंद्र ने सिर्फ अध्यापन करने के लिए जरूरी किताबों को ही बस्ते में बुलाने के लिए 

कक्षा दो तक के विद्यार्थियों को गृह कार्य से मुक्त रखा गया है

कक्षा तीन से पांच तक के विद्यार्थियों को सप्ताह में अधिकतम दो घंटे, कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थियों को हफ्ते में अधिकतम एक घंटे और कक्षा नवमीं से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को अधिकतम दो घंटे का गृह कार्य दिया जा सकता है। हर स्कूल को नोटिस बोर्ड में कक्षा और बस्ते के वजन की जानकारी प्रदर्शित करनी होगी। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि विद्यालयों ने हफ्ते में एक दिवस बैग विहीन रखा है कि नहीं। संचालक राज्य शिक्षा केंद्र धनराजू ने इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है ताकि अफसरों ने कितने स्कूलों का दौरा कर क्या जानकारी जुटाई है।

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