बड़ी खबर: ओरछा श्री रामराजा सरकार लोक का 4 सितम्बर को होगा भूमिपूजन, देखिए यह खबर


हमारा इंडिया न्यूज (हर पल हर खबर) मध्यप्रदेश/जबलपुर।बुंदेलखंड की अयोध्या और राम राजा सरकार की नगरी ओरछा जहां भगवान राम भगवान नहीं बल्कि राजा हैं। भक्त और भगवान के बीच में राजा और प्रजा के संबंधों वाली इस नगरी में 4 सितम्बर  को भव्य रामराजा लोक का लोकार्पण उत्सव मनाया जा रहा है। जिसमें मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के कर कमलों द्वारा भव्य एवं अद्भुत श्री रामराजा लोक का भूमिपूजन किया जायेगा। 







श्री रामराजा लोक का विकास


ओरछा का केन्द्र बिन्दु श्रीराम राजा मंदिर है। जहाँ बड़ी संख्या में श्रृद्धालुओं तथा पर्यटकों का आगमन होता है। श्रृद्धालुओं एवं पर्यटकों की भावनाओं तथा सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुये ओरछा में श्री रामराजा मंदिर में श्री राजाराम लोक का विकास प्रस्तावित है। श्री रामराजा लोक प्रवेश द्वार के साथ प्लाजा का विकास, प्रसादालय, कतार परिसर, श्री जानकी मंदिर परिसर का विकास, फूड प्लाजा, आसपास की दुकानों की पुर्नस्थापना एवं जनसमूह प्रबंधन, दुकानों का सौन्दर्यीकरण आदि श्रीराम के बाल स्वरूप एवं राम राजा के दरबार के वर्णन सहित गलियारे एवं प्रागंण का विकास, जिसमें बाल काण्ड प्रांगण उनके बाल काण्ड से प्रेरित होगा। साथ ही प्रांगण में रामायण से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण वस्तुओं का इस्तेमाल किया  जाएगा। सुन्दर कमल नयन से प्रेरित कमल स्तम्भ और पुष्पक विमान देखने को मिलेंगे। इस मध्य लोक में ही स्थानीय वास्तुकला मंदिर प्रांगण और ऐतिहासिक इमारतों का अनूठा स्वरूप बखूबी देखने को मिलेगा । रामराजा लोक की वास्तुकला बुंदेलखंड की प्रमाणिकता और अखडण्ता का  उदाहरण होगी।


 उल्लेखनीय है कि ओरछा का केन्द्र बिन्दु श्रीराम राजा मंदिर है। तत्कालीन बुन्देला शासकों द्वारा निर्मित स्मारकों हेतु प्रसिद्ध ओरछा एक हिन्दू तीर्थ स्थल है, जहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं तथा पर्यटकों का आगमन होता है। इसलिए मध्यप्रदेश शासन द्वारा श्रृद्धालुओं एवं पर्यटकों की भावनाओं तथा सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुये ओरछा में श्री रामराजा मंदिर  परिसर में श्री रामराजा लोक तथा अन्य स्मारकों के संरक्षण एवं विकास कार्यों हेतु विभिन्न प्रोजेक्ट बनाकर स्वीकृतियां प्रदान की गई है। ओरछा के केन्द्र बिन्दु श्री रामराजा मंदिर परिसर एवं आसपास के क्षेत्र को भव्य स्वरूप देते हुये श्री राजाराम लोक का विकास प्रस्तावित है। इस हेतु कुल 81.00 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। जिन  मुख्य निर्माण कार्यों  में राशि व्यय होगी उनमें 

 41 करोड़ रूपये की लागत से श्री रामराजा लोक प्रवेश द्वार के साथ प्लाजा का विकास, प्रसादालय, कतार परिसर, श्रीजानकी मंदिर परिसर का विकास, फूड प्लाजा, आसपास की दुकानों की एवं जनसमूह प्रबंधन, दुकानों का सौन्दर्यीकरण आदि कार्य। 6.25 करोड़ रूपये से श्रीराम के बाल स्वरूप एवं राजा राम के दरबार के वर्णन सहित गलियारे एवं प्रागंण का विकास। 20 करोड़ रूपये से श्रीराम राजा मंदिर एवं संलग्न पुरातत्व महत्व के भवनों का संरक्षण (जैसे- श्रीराम राजा मंदिर, श्री पाताल हनुमान मंदिर, श्रीजानकी माता मंदिर आदि) कार्य। 9 करोड़ रूपये से प्रकाश व्यवस्था तथा  विद्युतीकरण तथा 4.75 करोड़ रूपये से जन सुविधाओं का विकास कार्य प्रस्तावित है।

वर्तमान में श्रीरामराजा मंदिर परिसर लगभग 2.86 एकड़ में स्थित है। ओरछा के केन्द्र बिन्दु श्रीरामराजा मंदिर के आसपास लगभग 12 एकड़ क्षेत्र में श्री रामराजा लोक विकसित किया जायेगा। श्रीरामराजा लोक का प्रारंभ प्रवेश द्वार पर भव्य दरबार गलियारे से होगा तथा लोक का विकास 2 भागों में किया जायेगा। जिसमें बाल काण्ड प्रागंण श्री राम की बाल्य लीलाओं से प्रेरित होगा तथा उत्तर काण्ड को चित्र प्रस्तुतियों से प्रदर्शित किया जायेगा। श्री राम भगवान के राजा के रूप में कथाओं के माध्यम से प्रदर्शित किया जायेगा। साथ ही राजभोग पाकशाला का विकास तथा प्लाजा भी दर्शनार्थियों की सुविधा हेतु विकसित किया जावेगा। श्री रामराजा लोक में जनसमूह प्रबंधन तथा सार्वजनिक सुविधाओं के विकास के साथ स्थानीय जनों हेतु मंदिर के सामने के चौक को शॉपिंग प्लाजा की तरह विकसित करते हुये व्यवस्थित दुकानों का निर्माण किया जायेगा।


स्मारकों के सरंक्षण एवं सुविधाओं के विकास हेतु पर्यटन परियोजना की स्वीकृति


पर्यटन विभाग द्वारा ओरछा के महत्वपूर्ण स्मारकों के संरक्षण तथा आसपास पर्यटकों हेतु सुविधाओं के विकास हेतु रु 19.72 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है। जिनका विवरण इस प्रकार है :-

तुलसी घाट का विकास -बोट क्लब, चेंजिंग रूम, लॉकर, जनसुविधाये आदि।पर 1.05 करोड़,

स्मारकों के समीप आंतरिक मार्ग एवं पाथवे तथा किले के चारों और पैदल पथ, जनसुविधाये, साइनेज तथा घाट के समीप बोट क्लब आदि पर 4.07 करोड़,

किला काम्प्लेक्स के समीप सौन्दर्यीकरण पर 1.50 करोड़,

स्मारको के समीप फसाड, लाइटिंग आदि पर  5.75 करोड़,

चतुर्भज मंदिर के समीप इन्टरप्रेटेशन सेन्टर (व्याख्यान केन्द्र) पर 1.00 करोड़,कंचना घाट/छतरियों के समीप घाट उन्नयन, जन सुविधाऐं, साइनेज फूड स्टाल तथा क्राफ्ट बाजार के विकास पर 1.40 करोड़,लक्ष्मी मंदिर के समीप जनसुविधाओ, साईनेज तथा इन्टरप्रटेशन सेन्टर का विकास पर  1.00 करोड़ तथा

अन्य कार्य पर- 3.95 करोड़ रुपए व्यय होंगे।


स्वीकृत राशि से 70 एकड़ के क्षेत्रफल में फैले स्मारकों के संरक्षण, चतुर्भुज मंदिर, लक्ष्मी मंदिर, छतरियों, तुलसीघाट के आसपास स्मारकों का पुर्ननिर्माण कर जनसुविधायें कर उपयोगी बनाना तथा आंतरिक पहुँचमार्ग, लाइटिंग, इन्टरप्रेटेशन सेंटर के कार्य एवं कंचना घाट के उन्नयन तथा के आसपास पर्यटको की सुविधा तथा स्थानीय जनों के रोजगार के वृद्धि हेतु फूड मार्केट तथा क्राफ्ट बाजार के विकास के कार्य किया जाना प्रस्तावित है।


राज्य पुरातत्व बजट से स्मारकों के संरक्षण की स्वीकृति


श्रीराम राजा मंदिर के अतिरिक्त बुन्देला शासकों द्वारा स्थापित स्मारक के सरंक्षण हेतु राज्य पुरातत्व बजट से लगभग 7.50 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसका विवरण इस प्रकार है- बारूद खाना भवन का संरक्षण - 1.41 करोड़,हिमा हमीर कोठी के सरंक्षण पर 1.00 करोड़,जहाँगीर महल के उत्तरी भाग के संरक्षण एवं बेसमेंट के कार्य पर 1.93 करोड़,

स्मारको के समूह के समीप किले की दीवाल तथा 2 गेट के संरक्षण पर 1.65 करोड़ तथा

अन्य व्यय - 7.50 करोड़ रूपये होंगे।

टीकमगढ़ में इशारा 

किले की 54 मीटर लम्बी दीवार के साथ गेट संख्या 6 एवं 7 को भी स्मारको के साथ संरक्षित किया जाना प्रस्तावित है। औरछा नगर जो पूर्व में बुन्देला शासको की राजधानी थी, को उक्त ऐतिहासिक स्मारकों के अनुरक्षण/संरक्षण के माध्यम से पुर्नस्थापित करने का प्रयास किये जा रहे है।

राय प्रवीण महल, फूल बाग तथा वजीर बाग का अनुरक्षण तथा विकास- राज्य पुरातत्व के माध्यम से महत्वपूर्ण स्मारको धरोहरों जैसे हरदौल वाटिका ( वजीर बाग), राय प्रवीण महल एवं फूल बाग के अनुरक्षण एवं विकास कार्यों हेतु लगभग 3.65 करोड़ की स्वीकृति दी जाकर कार्य करवाया जा रहे हैं।


राज्य पुरातत्व द्वारा स्मारकों के संरक्षण के कार्य भी होंगे। ओरछा में राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा 48 स्मारको को संरक्षित घोषित किया गया है। उक्त स्मारकों के संरक्षण, अनुरक्षण एवं रख रखाव की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुये कुल 8.41 करोड़ के 19 कार्य स्वीकृत किये गये है, जिनमें से 10 कार्य पूर्ण किये जा चुके है तथा शेष 9 कार्य प्रगति पर है।

पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार की  योजनांतर्गत प्रस्ताव भेजे गए है। उक्त स्वीकृत योजनाओं में जो कार्य नहीं स्वीकृत हो पाये है तथा ओरछा के विकास हेतु आवश्यक है उनको चिन्हाकिंत किया गया है ।जिनमें मेगा सांस्कृतिक थीम पार्क, जनसुविधाओं का विकास, साइनेज तथा दिव्यांगजनों हेतु पहुंच सुविधाओं का विकास एवं पहुंच मार्ग है। उक्त कार्य हेतु पर्यटन मंत्रालय से लगभग 50 करोड़ की स्वीकृति हेतु अनुरोध किया जायेगा।

ओरछा को यूनेस्को विश्व धरोहरों में सम्मिलित करने हेतु भारत सरकार को डोजियर प्रेषित किया गया है।ओरछा के स्मारक विश्व प्रसिद्ध है ।इसे विश्व पटल पर लाने हेतु वर्ष 2022 में एवं नामिनेशन डोजियर तैयार करवाकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, भारत सरकार को प्रेषित किया जा चुका है। इसे यूनेस्को को प्रेषित कर ओरछा को यूनेस्को विश्व धरोहरो में सम्मिलित करने हेतु भारत सरकार से अनुरोध किया जायेगा।

यूनेस्को द्वारा भारत में ओरछा एवं ग्वालियर का प्रथम बार चयन कर हिस्टोरिक अर्बन लैण्डस्केप के गाईड लाईन् बनाये गये है, जिसे  ओरछा के मास्टर प्लान में सम्मिलित किये जाने की योजना है ताकि ओरछा का विकास इसकी ऐतिहासिक संस्कृति के अनुरूप हो सके।

इस प्रकार ओरछा हेतु कुल 5 प्रोजेक्ट तैयार कर लगभग 120 करोड़ की स्वीकृति श्रीरामराजा लोक तथा अन्य विकास कार्यों हेतु प्रदान की जा चुकी है । लगभग 50 करोड़ के कार्यों को प्रशाद योजनांर्गत चिन्हित किया जा चुका है। ओरछा को विश्वपटल पर लाने हेतु यूनेस्को विश्व धरोहरों में ओरछा को सम्मिलित करने के प्रयास भी किये जा रहे है।

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