गिरने से हो गया ब्रेन डेड, फिर परिजनों ने किसी का जीवन बचाने करवा दिया यह काम, जिससे जबलपुर के इस अस्पताल में दो मरीजों को मिलेगा जीवनदान



हमारा इंडिया न्यूज हर पल हर खबर मध्यप्रदेश जबलपुर।जबलपुर में अंगदान को लेकर बढ़ रही जागरूकता का ही परिणाम है कि आज शुक्रवार की सुबह नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से लगभग डेढ़ माह के भीतर ऑर्गन ट्रांसपोर्टेशन के लिये दो ग्रीन कॉरिडोर बनाये गये। 

       


 

ग्रीन कॉरिडोर के जरिये गिरने से मस्तिष्क में पहुँची चोट के कारण ब्रेन डेड हुये मरीज की दोनों किडनियों के प्रत्यारोपण के लिये बनाये गये। पहला ग्रीन कॉरिडोर ब्रेन डेड मरीज की एक किडनी एयर एंबुलेंस से इंदौर ले जाने के लिये सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से डुमना एयरपोर्ट तक तथा दूसरा ग्रीन कॉरिडोर सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से जबलपुर में ही दमोह नाका स्थित मेट्रो प्राइम हॉस्पिटल तक बनाया गया।

       



विगत दिनों सिर पर आई गहरी चोट के कारण भेडाघाट निवासी 54 वर्षीय पूरन चौधरी को उपचार के लिये मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों के अथक प्रयासों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका और ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। चिकित्सकों ने मरीज के परिजनों को अंगदान के लिये प्रेरित किया और उनकी सहमति से दोनों किडनी प्रत्यारोपित करने का निर्णय लिया। पूरन चौधरी जाते-जाते दो लोगों को नया जीवन दे गये हैं। उनकी एक किडनी बॉम्बे हॉस्पिटल, इंदौर और दूसरी किडनी मेट्रो हॉस्पिटल, जबलपुर में भर्ती मरीज को प्रत्यारोपित की जायेगी।

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