ग्वारीघाट का अब होगा यह नाम, एमआईसी की बैठक में आए 150 प्रस्ताव, 145 हुए पास


नई नगर सरकार की एमआइसी की पहली बैठक आयोजित हुई। महापौर की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में करीब 150 प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिनमें से पांच प्रस्तावों को एमआइसी की अगली बैठक के लिए छोड़कर शेष-प्रस्तावों को अनुमोदित कर दिया गया।

नई नगर सरकार की एमआइसी की पहली बैठक आयोजित हुई। महापौर की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में करीब 150 प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिनमें से पांच प्रस्तावों को एमआइसी की अगली बैठक के लिए छोड़कर शेष-प्रस्तावों को अनुमोदित कर दिया गया। इन प्रस्तावों पर अब सदन की बैठक में चर्चा होगी। बुधवार को हुई बैठक में जिन अहम प्रस्तावों पर स्वीकृति की मुहर लगी उनमें एस्सल कंपनी का डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का ठेका निरस्त किया जाना, गोल्ड कलस्टर के लिए बहुमंजिला इमारत के निर्माण और ग्वारीघाट का नाम गौरीघाट किए जाना शामिल रहे।

महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू की अध्यक्षता में मेयर इन काउंसिल की बैठक महापौर कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक में महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू बताया कि शहर के सभी विधानसभा क्षेत्रों में करोड़ों रुपये की लागत से सड़कों, नाले-नालियों के निर्माण के साथ-साथ उद्यानों का निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि जबलपुर शहर में प्रदेश का सबसे ऊंचा 75 मीटर का ध्वज तिलवारा स्थित गांधी-स्मारक परिसर में लगाया जाएगा। महापौर ने पुराने बस स्टैण्ड के स्थान पर गोल्ड कलस्टर बनाए जाने के लिए डीपीआर तैयार करने की भी स्वीकृति एमआइसी की बैठक में प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करने वाली एस्सल कम्पनी का ठेका निरस्त करने की भी मंजूरी एमआइसी से प्रदान की गई। पीपीपी माडल पर गौशाला का निर्माण संचालन एवं अन्य क्रियान्वयन संबंधी की भी स्वीकृति प्रदान की गई। अमृत-2 के नाम से 50 हजार घरों में पानी पहुंचाने की योजना को भी मंजूरी दी गई। 46 अतिथि शिक्षकों को भी नियुक्ति आदेश भी जारी किए जाने को भी मंजूरी दी गई।

नर्मदा नदी में गंदे पानी का विलय रोकने पर भी चर्चा

इस बैठक के दौरान नर्मदा में गंदे पानी के नालों को मिलने से रोकने संबंधी प्रयासों पर भी चर्चा की गई। निगम प्रशासन की ओर से की गई तैयारियों को एमआइसी के समक्ष रक्षा गया। इस दिशा में तेजी से काम कराए जाने की बात महापौर ने कही है।

आवारा शूकरों के लिए भी योजना

शहर की बड़ी समस्या आवारा शूकरों की है। शूकर पालन का कारोबार शहर के रहवासी क्षेत्र से बाहर करने का प्रस्ताव पारित किया गया। इस संबंध में महापौर अन्नू ने बताया कि जल्द शूकर मालिकों की एक बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें शूकर मालिकों को चिन्हित जमीन पर स्थानांतरित करने की जानकारी दी जाएगी। अगर वो राजी हो जाते हैं ठीक है अन्यथा सड़क पर घूमते पाए जाने वालों शूकरों को पकड़ कर चन्हित क्षेत्र में छोड़ा जाएगा। अगर वो आवारा शूकरों की समस्या समाप्त करने में मदद नहीं करते तो शूकर-पालकों पर कार्रवाई की जाएगी, जो जुर्माने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि लोगों को जेल भी भेजा जाएगा।

सफाई ठेकों को पांच महीने का एक्सटेंशन

शहर में सफाई के ठेके फिर से कराए जाने का भी निर्णय लिया गया। इसके लिए पांच महीने में टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कराए जाने का प्रस्ताव है। जब तक नया ठेका नहीं होता तब तक मौजूदा ठेकेदार ही काम देखेंगे।

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