अब इस मासूम की मौत पर कौन सही, कौन गलत, कैसी है सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था, यह सब आपको मालूम है, देखिए यह खबर

हमारा इंडिया न्यूज (हर पल हर खबर) मध्यप्रदेश/जबलपुर।हिनौता निवासी बालक ऋषि के मृत्यु के  वायरल वीडियो के संबंध में यथास्थिति यह है कि बालक के पेरेंट्स मृत अवस्था में ही बालक को बरगी अस्पताल में लाए थे। तथ्यों के आधार पर बालक पहले से जला हुआ था और स्थानीय स्तर पर 10 दिनों से उनका इलाज चल रहा था। उक्त  बालक को बरगी अस्पताल में लाया गया, डॉक्टरों की टीम ने बालक को अटेंड किया जिसमें डॉक्टर्स ने पाया कि बालक मृत अवस्था में है ।डॉक्टरों ने बालक के पोस्टमार्टम करने की सलाह दी लेकिन बालक के पेरेंट्स ने मना कर दिया। इस संबंध में कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी ने घटना की जांच के निर्देश दिए हैं।उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार के दुख की घड़ी में प्रशासन उनके साथ है।



वहीं परिजनों के मुताबिक जब 5 साल के बच्चे को बरगी स्वास्थ्य केंद्र ईलाज के लिए लाया गया था, उस समय  केवल एक नर्स अपनी ड्यूटी करते हुए नजर आई, जबकि वहां पर कोई भी डॉक्टर नहीं थे।  डॉक्टर का ना होना विभाग की घोर लापरवाही वा अनियमितताओ को उजागर करता है। शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में सुधार करने हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे है लेकिन बरगी विधानसभा का मुख्यालय होने के बाद भी बीएमओ एवं अन्य डॉक्टरों की कागज में उपस्थिति होने के बावजूद समय पर उपस्थित ना होकर शासन की योजनाओं में पलीता लगा रहे हैं। 

डॉक्टर का मिला यह जवाब

बुधवार को इस घटना के घटित होने के 1 घंटे तक बीएमओ अस्पताल में उपस्थित नहीं हुई। 1 घंटे बाद जब एक डॉक्टर साहब अस्पताल पहुंचे, ग्रामीणों ने उनसे  लेट पहुंचने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कल मेरी पत्नी का व्रत था इसलिए लेट हो गया और मुझे जानकारी नहीं थी अस्पताल में कोई बच्चा मृत हो गया। 

ग्रामीण क्षेत्रों में लचर है स्वास्थ्य व्यवस्था

स्थानीय लोगों का कहना है कि शासन के द्वारा अस्पताल में पर्याप्त डॉक्टर और स्टाफ की तैनाती की गई है पर जिला मुख्यालय से काफी दूर होने के चलते स्वास्थ्य व्यवस्था हमेशा यहां पर लचर ही रही है, जिसका खमियाजा आज 5 साल के मासूम को अपनी जान देकर उठाना पड़ा हैं।


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