भारत वर्ष की पारम्परिक अवधारणा के अनुरूप सामाजिक समरसता की पुनर्स्थापना और छुआ छूत का निर्मूलन" स्नेह यात्रा" का मुख्य उद्देश्य


हमारा इंडिया न्यूज (हर पल हर खबर) मध्यप्रदेश/जबलपुर।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी के  संकल्प एवं पूज्य संतों के मार्गदर्शन  में समरसता का संदेश लेकर जबलपुर में 16 अगस्त से संचालित स्नेह यात्रा का जिला स्तरीय पूर्णता कार्यक्रम ग्राम पंचायत गड़र पिपरिया में संपन्न हुआ।




कार्यक्रम के के मुख्य अतिथि प्रारंभ से स्नेह यात्रा का नेतृत्व कर रहे पूज्य संत महा mandleshwer Akhileshwara नंद जी गिरी एवं मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के  उपाध्यक्ष डॉ जितेन्द्र जामदार रहे, आज यात्रा सहजपुर से प्रारंभ होकर..... दोपहर  ग्राम पंचायत गड़पिपरिया में पहुंची जंहा पर ग्राम में महिलाओं एवं बच्चियों द्वारा कलश यात्रा के साथ भव्य स्वागत किया गया, वंहा पर पूज्य संतों ने बड़ी संख्या में जनसमुदाय के साथ बस्ती भ्रमण किया, 

यात्रा के समापन कार्यक्रम में प्राचीन देवी मंदिर, शंकर जी के मंदिर में पूजन उपरांत कन्याओं का पूजन भी अतिथियों द्वारा किया गया, कार्यक्रम में परम पूज्य महा Mandleshwer Akhileshwara नंद जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि    भारत वर्ष की पारम्परिक अवधारणा के अनुरूप सामाजिक समरसता की पुनर्स्थापना पूर्व जाति पाति की मिथ्या धारणा और छुआ छूत का निर्मूलन"स्नेह यात्रा" का मुख्य उद्देश्य

"स्नेह यात्रा" दो शब्दों के मेल से बना है इसके दो पक्ष हैं पहला पक्ष है जिसे हम पूर्व पक्ष कहेंगे दूसरे पक्ष को हम उत्तर पक्ष कहेंगे, पूर्व पक्ष में है  "स्नेह" और उत्तर पक्ष में है "यात्रा" देखने में और लिखने में यह दोनों शब्द बहुत छोटे हैं परंतु इन दोनों शब्दों की व्याप्ति बहुत बड़ी है "स्नेह" की सुरभि उसकी मिठास का अनुभव चींटी से लेकर हाथी पर्यंत सभी देहधारी कर सकते हैं इसी प्रकार "यात्रा" शब्द भी देखने और लिखने में बहुत छोटा है किंतु इस शब्द की भी व्याप्ति बहुत बड़ी है। चींटी से लेकर हाथी पर्यंत सभी देहधारी निरंतर गतिशील हैं किसी का भी जीवन रुकता नहीं जीवन गतिमान है "जियो और जीने दो" यह मूल मंत्र सभी के लिए समान अर्थ रखता है यही विशेषता है भारतीय संस्कृति की इसलिए भारतीय संस्कृति को अहिंसा मय जीवन शैली कहकर सर्वत्र इसकी सराहना की गई है।

मध्य प्रदेश के सभी 52 जिलों में स्नेह यात्रा के आयोजन का प्रयोजन समाज के प्रत्येक मानव में स्नेह अर्थात आत्मीयता के भाव का प्रवाह गतिमान करने एवं परस्पर सौहार्द समभाव समरसता का निर्माण करना और युगानुकूल समसामयिक नूतन समाज की संरचना की दिशा में अग्रसर हो देश में  एकात्मता अखंडता और सामाजिक समरसता को कायम रखना इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य है।

गंगोत्री से निकलने वाली गंगा की भांति स्नेह रूपी गंगा की गंगोत्री मध्य प्रदेश के प्रत्येक जिले का एक केंद्र इसका उद्गम स्थल है तथा स्नेह की गंगा जिले का भ्रमण करता हुआ यह स्नेह यात्रा अपने समापन दिवस पर अपना अमिट संदेश "वसुदेव कुटुंबकम" की अवधारणा को पुष्टि करते हैं।

भारतीय संस्कृति का अमर संदेश आध्यात्मिक पृष्ठभूमि से "सर्व खलविदम ब्रह्म" इस बात का पुष्ट प्रमाण है कि चींटी जैसे छुद्र जंतु से लेकर हाथी जैसे विशालकाय देहदारी तक सभी के शरीर में एक परमात्मा विद्यमान है इस कारण किसी से भी विद्वेष का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता, इस स्नेह यात्रा के माध्यम से प्रत्येक मनुष्य की मन मंजूषा में एक पाथेय के रूप में यह अवधारणा स्थापित करना कि -हम सब उस परमपिता परमात्मा के ही अंश हैं हमारे अंशी परमात्मा से हमारा अभिन्न तादात्म में है अतः हमारे मन में यह अपना और पराया की धारणा जन्म ही ना ले सके इस सावधानी के साथ अपनी जीवन यात्रा निर्बाध गति से निरंतर उच्चता की ओर अग्रसर हो।

जाति पाति की अवधारणा भारतीय संस्कृति में कभी नहीं रही है छुआछूत तो धार्मिक पाप है सामाजिक दृष्टि से गंभीर अपराध है इसे समूल नष्ट करना "स्नेह यात्रा"  का मुख्य उद्देश्य है।



कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप मे पधारे जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ जितेन्द्र जामदार  ने कहा कि हम स्नेह यात्रा के माध्यम से मुख्यमंत्री जी के समरसता एवं सद्भावना के संदेश को पूज्य संतों के मार्गदर्शन में जन जन तक पहुंचाने आए हैं जब हमारे मुख्यमंत्री लाडली बहनों को योजना से जोड़ने में कोई भेदभाव नहीं करते हैं तो फिर समाज किस आधार पर सामाजिक भेद भाव करता है हम सभी को मिल कर मुख्यमंत्री जी के संकल्प को पूरा करे और उनको प्रदेश के विकास के लिए और अधिक ताकत प्रदान करें, जब भगवान ने सभी के खून का एक ही रंग बनाया,  जब नर्मदा जी अपना पवित्र जल बांटने में भेद नहीं करती जाति और वर्ग नहीं पूछती है तो फिर समाज को भी एकाकी भाव से देश की तरक्की में सहभागिता करें यही इस यात्रा का आव्हान है, कार्यक्रम में गायत्री परिवार, पतंजलि, श्री रामचंद्र मिशन, अन्य सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ पूज्य संत प्रकाश आनंद जी, जन अभियान परिषद के संभाग समन्वयक रवि बर्मन, प्रदीप तिवारी,  नरेश तिवारी, बी.बी . शर्मा,  संजीव ताम्रकार, डॉ गोपाल पटेल,  कृष्ण कुमार साहू, सोनिया सिंह,विनायक राव,  विवेक मिश्र, आशीष जैन भारत mahroliya,  तृप्ति मिश्रा नूपुर खरे , Animesh अटल, हेमचंद्र Gosalpur,  मनीष पालीवाल, आशीष व्यास ग्राम पंचायत सरपंच  , उप सरपंच, रवि पटेल सामजिक कार्यकर्ता prabhendra पटेल,  एवं बड़ी संख्या में स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि तथा जन समुदाय उपस्थित रहे।



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