जो मंत्री जी को पंसद होगा, वहीं मेयर इन काउंसिल का सदस्य होगा

 



हमारा इण्डिया न्यूज हर पल हर खबर मध्यप्रदेश जबलपुर। मेयर इन काउंसिल का गठन होना है, लेकिन यह कब होना है, यह फिलहाल में अभी अटका हुआ सा मामला लग रहा है, बताया जा रहा है कि मंत्री राकेश सिंह को जो पार्षद पंसद होगा, वहीं मेयर इन काउंसिल का सदस्य बन सकेगा। इसलिए एमआईसी सदस्य बनने के लिए अधिकांश पार्षद नगर संगठन, वरिष्ठ नेताओं, विधायकों और मंत्री के चक्कर लगाते हुए देखे जा रहे हैं।



वहीं नगर निगम में मेयर इन काउंसिल के गठन में देरी होने से इसका असर नगर निगम के कामकाज व आगामी दिनों में प्रस्तुत होने वाले आम बजट की तैयारियों में भी होता हुआ दिख रहा है, बताया जा रहा है कि मेयर इन काउंसिल में शामिल होने वाले नामों को लेकर फिलहाल में सहमति नहीं बन पा रही है, इस वजह से नगर निगम एमआईसी सदस्यों के बिना अधूरा नजर आ रहा है।


नहीं चल रही किसी की:- भले ही नगर निगम सीमा अंतर्गत आने वाली अधिकांश विधानसभाओं में भाजपा के दबदबा है, लेकिन मेयर इन काउंसिल के गठन में विधायकों से लेकर नगर संगठन की भी नहीं चल पा रही है, जिसके कारण एमआईसी सदस्य बनने आतुर पार्षदों के अरमान फिलहाल में ठण्डे पड़ते नजर आ रहे हैं, क्योंकि बहुत से ऐसे पार्षद हैं, जो विधायकों के चहेते हैं, लेकिन विधायक अपने चहेतों को चाहते हुए भी एमआईसी सदस्य नहीं बनवा पा रहे हैं, जिसका उन्हें मलाल होता हुआ भी दिख रहा है।


इनकी पंसद के ही बनेंगे एमआईसी सदस्य:- राजनीतिक सूत्रों की माने तो उन्होंने बताया कि लोकनिर्माण मंत्री राकेश सिंह की सहमति और उनकी पंसद के ही पार्षद एमआईसी सदस्य बनेंगे, क्योंकि जिले की राजनीति में मंत्री का दखल सबसे ज्यादा है और उन्हीं की वजह से कांग्रेस निर्वाचित हुए महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू भाजपा में शामिल हुए और नगर निगम में भी भाजपा की सरकार बनी है, इसलिए मंत्री राकेश सिंह की सहमति के बना कोई भी पार्षद मेयर इन काउंसिल का सदस्य नहीं बन सकता है।


इन्होंने कहा था जल्द करें एमआईसी का गठन:- जानकारों के अनुसार विगत दिनों नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का जबलपुर आगमन हुआ था, इस दौरान उन्होंने भाजपा नगर संगठन व कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए महापौर जगत बहादुर सिंह से शीघ्र ही मेयर इन काउंसिल का गठन करने को कहा था, उसके बावजूद कई दिन बीत जाने पर भी अभी तक एमआईसी का गठन नहीं हो सका।


अन्य पार्षद भी हो सकते हैं शामिल:- बताया गया है कि मेयर इन काउंसिल के गठन में देरी की मुख्य वजह यह भी मानी जा रही है कि कुछ कांग्रेसी पार्षद भी भाजपा का दामन थामने का मन बना चुके हैं, लेकिन उन्होंने महापौर के समक्ष एमआईसी सदस्य बनाने की शर्त रखी है, वहीं  निर्दलीय पार्षदों की भी भाजपा में शामिल होने की खबर सामने आ रही है। इस तरह की शर्त भी एक वजह एमआईसी के गठन में हो रही लेटलतीफी का मुख्य कारण बनी हुई है।


पार्षदों के पति भी हैं सक्रिय:- वहीं महिला पार्षदों के पति भी अपनी-अपनी श्रीमतियों को एमआईसी सदस्य बनाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं, ऐसे श्रीमान, अपनी श्रीमतियों को कुर्सी दिलवाने के लिए हर एक दरवाजा खटखटा रहे हैं, वहीं ऐसी आशा व्यक्त की जा रही है कि मेयर इन काउंसिल में ऐसे प्रयासरत श्रीमानों की श्रीमतियों को भी एमआईसी में लिया जा सकता है, फिलहाल जब तक नामों का ऐलान नहीं होता है, तब तक यह देखने का विषय होगा कि कौन-कौन मेयर इन काउंसिल सदस्य बनेगा....?


प्रस्तुत होना है बजट:- नगर निगम का मार्च में नगर विकास का बजट प्रस्तुत होना है, इसके लिए सबसे पहले मेयर इन काउंसिल की बैठक होती है, जिसमें नगर विकास के कई महत्वपूर्ण सुझावों को एमआईसी से पारित कर बजट में शामिल किया जाता है, फिर सभी पार्षदों की बजट में अनुशंसा लेने बजट की बैठक आहूत की जाती है, लेकिन अभी एमआईसी का गठन न होने से इसका असर भी बजट में होता हुआ दिख रहा है, जिससे बजट भी लेट प्रस्तुत होने की उम्मीद लग रही है।


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