मुख्यमंत्री
डॉ. यादव ने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट से अप्रेल 2025
में हुए टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 1.0 तक लगभग 99 निवेश प्रस्ताव हुए थे, जिससे लगभग 34
हजार करोड़ रूपये के निवेश और 2 लाख लोगों के
लिये रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं। इसमें 27
प्रोजेक्ट, जमीन आवंटन के साथ अन्य कार्यप्रगतिरत
है। साथ ही 8 प्रोजेक्ट साइट विजिट के चरण में है, जो प्राप्त प्रस्तावों का 47 प्रतिशत है। मात्र 8
महिने में लगभग 6 हजार करोड़ का निवेश एवं 50 हजार लोगों का रोजगार का सपना साकार हुआ है।
यह मध्यप्रदेश की टेक ड्रिवन ग्रोथ का सकारात्मक परिणाम है।
9
कंपनियों को प्रदाय किए भूमि आवंटन के आशय-पत्र
मुख्यमंत्री
डॉ. यादव ने कॉन्क्लेव में निवेश और उद्योग संवर्धन लिए 9
कंपनियों को भूमि आवंटन के लिये आशय पत्र जारी किए गए। इन इकाइयों से प्रदेश में
कुल 10.61 करोड़ रुपये का निवेश और लगभग 740 नए रोजगार अवसर सृजित होंगे। इन आशय पत्रों से
विभिन्न टेक्नोलॉजी, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की
कंपनियों को निवेश के लिए आवश्यक भूमि और संसाधन उपलब्ध कराए जाएँगे जिससे
मध्यप्रदेश में उद्यमिता और औद्योगिक विकास को और मजबूती मिलेगी। टॉस, इजीसॉफ्ट कंपनी, ओम्निस
बिल्डकेयर एलएलपी, फ्लैट ट्रेडब्रोकिंग सॉफ्टवेयर
डेवलपमेंट, असिस्ट क्लिक प्राइवेट लिमिटेड, लॉजिमोंक, मैमथ
एग्जॉस्ट्स इंडिया, एमपी ऑनलाइन, रिद्धि
एंटरप्राइज को भूमि आवंटन पत्र जारी किए गए हैं।
एमओयू
पर हस्ताक्षर
कॉन्क्लेव
में मध्यप्रदेश में निवेश और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने की दिशा में 7 महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इन एमओयू
से प्रदेश में लगभग 800 करोड़ रुपये का निवेश होगा तथा 10 हजार 500 से
अधिक नए रोजगार अवसर सृजित होंगे। ये एमओयू सिलिकॉन वेफर विनिर्माण संयंत्र, आईटी पार्क विकास, टेक्नोलॉजी
रिसर्च, गेमिंग, स्किल
डेवलपमेंट एवं नवाचार जैसे उभरते क्षेत्रों से जुड़े हैं। इस पहल में सोमवेदा
एंटरप्राइज, डीएवीवी आईटी पार्क, एएनएसआर, गेम
डेवलपर एसोसिएशन ऑफ इंडिया, इंडस
आंत्रप्रेन्योर्स राजस्थान, मिलिट्री कॉलेज
ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग महू, कोडयोगी
फाउंडेशन जैसे प्रतिष्ठित संस्थान शामिल हैं। राज्य
सरकार एवं भारतीय सेना के मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के मध्य
सायबर सुरक्षा एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान एवं विकास
के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते का उद्देश्य रक्षा क्षेत्र और नागरिक
तकनीकी क्षेत्र के बीच सहयोग को सुदृढ़ करते हुए अत्याधुनिक तकनीकों के विकास, नवाचार और कौशल वृद्धि को बढ़ावा देना है। यह
पहल मध्यप्रदेश को उभरते तकनीकी क्षेत्रों में अग्रणी बनाने की दिशा में एक
महत्वपूर्ण कदम है।
निवेश
के लिये हुए एग्रीमेंट
मुख्यमंत्री
डॉ. यादव की उपस्थिति में 85.51 करोड़ निवेश के
महत्वपूर्ण एग्रीमेंट् पर हस्ताक्षर हुए। इसमें आईआईएसईआर भोपाल के सहयोग से
एआई-संचालित ड्रोन प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना शामिल है, जिसमें उन्नत प्रयोगशालाएँ और स्टार्ट-अप
इनक्यूबेशन सहायता प्रदान की जाएगी। एल एंड टी एड्यूटेक के साथ मिलकर प्रदेश में
स्किल ट्रेनिंग हेतु मास्टर सर्विस एग्रीमेंट किया जाएगा, इससे
नये तकनीकी क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके अंतर्गत
एलएनसीटी कॉलेज, ओरिएंटल ग्रुप, बंसल
कॉलेज, सेज यूनिवर्सिटी, आईईएस यूनिवर्सिटी शामिल हैं।
सायबर
सुरक्षा को सुदृढ़ करने सीआईएसओ पोर्टल किया लांच
मुख्यमंत्री
डॉ. यादव ने सरकारी विभागों में सायबर सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए सीआईएसओ
पोर्टल की शुरुआत की। यह सुरक्षित और केंद्रीकृत प्लेटफ़ॉर्म रीयल-टाइम मॉनिटरिंग, थ्रेट इंटेलिजेंस और अनुपालन प्रबंधन को सक्षम
बनाएगा, जिससे सरकारी प्रणालियों में सुरक्षा, पारदर्शिता और दक्षता में अभूतपूर्व सुधार
होगा।
ड्रोन
डेटा रिपॉज़िटरी का हुआ शुभारंभ
“डिजिटल
मध्यप्रदेश” की
परिकल्पना को सशक्त करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ड्रोन डेटा रिपॉज़िटरी (DDR) का भी शुभारंभ किया। यह पहल भूमि प्रबंधन, शहरी नियोजन, वन
संरक्षण, सिंचाई और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों
में ड्रोन-आधारित डेटा के उपयोग को बढ़ावा देगी, जिससे
डेटा-संचालित शासन और स्मार्ट गवर्नेंस की नई मिसाल कायम होगी।
स्पेस
टेक नीति-2025 के मसौदे का अनावरण
मुख्यमंत्री
डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश को तकनीकी और नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के विजन
को साकार करते हुए मध्यप्रदेश स्पेस टेक नीति-2025 के
मसौदे का अनावरण किया। यह नीति राज्य को भारत की स्पेस टेक
अर्थव्यवस्था में अग्रणी स्थान दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है, जिसके माध्यम से अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अनुसंधान, निवेश
और रोजगार के नए द्वार खुलेंगे एवं आर्थिक और वैज्ञानिक विकास को नई ऊँचाइयाँ
प्रदान करेंगे।
22 नई
इकाइयों का लोकार्पण
मुख्यमंत्री
डॉ. यादव ने राज्य के औद्योगिक और तकनीकी विकास को नई गति प्रदान करते हुए 22 नई औद्योगिक, तकनीकी
एवं नवाचार-आधारित इकाइयों का लोकार्पण किया। इनमें 257.46
करोड़ रुपये का निवेश होगा और लगभग 2125 नए रोजगार
सृजित होंगे। ये अत्याधुनिक इकाइयाँ मुख्य रूप से इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर के आईटी पार्क में स्थापित
की जायेंगी जिनमें ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, स्टार्ट-अप्स
के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर,
ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट तथा अन्य
हाई-टेक कंपनियाँ शामिल हैं। इससे प्रदेश तकनीकी हब के रूप में उभरेगा और युवा
उद्यमिता एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
4
प्रमुख परियोजनाओं का भूमि-पूजन
मुख्यमंत्री
डॉ. यादव ने कॉन्क्लेव में वर्चुअली 4 नई परियोजनाओं
का भूमि-पूजन किया, जिनसे 1346.75
करोड़ रुपये का निवेश और लगभग 21,150 नए रोजगार अवसर
सृजित होंगे। ये परियोजनाएँ इंदौर, भोपाल, जबलपुर एवं ग्वालियर में प्रमुख आईटी पार्क, ड्रोन टेक्नोलॉजी और ईएसडीएम क्षेत्र से जुड़ी
हैं। एलटीआई इंडस्ट्री द्वारा 810 करोड़ रुपये की
लागत से इंदौर के सुपर कॉरिडोर में 10 एकड़ भूमि पर
अत्याधुनिक आईटी टेक्नोलॉजी कंसल्टिंग केंद्र स्थापित होगा, जिससे 10
हजार रोजगार सृजित होंगे। डीएनआर कॉर्पोरेशन द्वारा 524
करोड़ रुपये की लागत से इंदौर के सुपर कॉरिडोर में स्टेट-ऑफ-द-आर्ट आईटी पार्क
विकसित किया जाएगा। इससे 11 हजार रोजगार सृजित होंगे। मेसर्स
इन्फिनी सेल्स कॉर्पोरेशन द्वारा भोपाल में 4
करोड़ रुपये की लागत से एलईडी विनिर्माण इकाई स्थापित होगी, जिससे 50
रोजगार सृजित होंगे। मेसर्स आरएआर इंजीनियरिंग द्वारा जबलपुर में 8.75 करोड़ रुपये की लागत से रक्षा और एयरोस्पेस
क्षेत्र के लिए इंटेलिजेंट मोशन और वाइब्रेशन कंट्रोल सिस्टम हेतु विनिर्माण हब
स्थापित होगा, जिससे 100
रोजगार मिलेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एलटीई माइंडट्री के श्री मनीष प्रजापति, डीएनआर कारपोरेशन के रितेश उमथ से वर्चुअली
संवाद कर शुभकामनाएं दी। अपर मुख्य सचिव विज्ञान एवं
प्रौद्योगिकी श्री संजय दुबे ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के दूरदर्शी नेतृत्व
में प्रदेश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। स्वच्छ नगरी इंदौर में टेक्नोलॉजी
के एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है। उद्योग जगत और सरकार के बीच सुगम संगम स्थापित
हुआ है। अप्रैल माह में "एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 1.0" आयोजित कार्यक्रम ने नई दिशा दी थी, और आज का दिन इस यात्रा में एक और मील का पत्थर
सिद्ध हो रहा है। उन्होंने कहा कि हम विकास की नई संभावनाओं को साकार कर रहे हैं।
कई महत्वपूर्ण अनुबंध आज धरातल पर उतर रहे हैं। एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0 भारत की नई नीतियों में सेमीकंडक्टर, ड्रोन टेक्नोलॉजी, स्पेस
टेक्नोलॉजी के विकास को परिभाषित करने वाला एक महत्त्वपूर्ण मंच बन चुका है।
मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने भारतीय सेना के साथ सायबर सुरक्षा एवं
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के संयुक्त अनुसंधान एवं विकास के लिए एमओयू किया है। युवाओं
को मध्यप्रदेश में रहकर विकास का हिस्सा बनना चाहिए।प्रदेश में रिवर्स ब्रेन ड्रेन
का सकारात्मक प्रभाव दिखाई दे रहा है, जहाँ तकनीकी
अवसंरचना, उत्पादकता और शांतिपूर्ण जीवनशैली
बेहतर अवसर प्रदान कर रही है। ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस निवेश और विकास का निर्णायक
कारक है। तीन टी—ट्रैफिक,
ट्रैश और टॉक्सिक एयर से परे, मध्यप्रदेश देश के सबसे स्वच्छ शहर और स्वच्छतम
राजधानी का गौरव रखता है। प्रदेश का औद्योगिक सेटअप निवेशकों, प्रोफेशनल्स और युवाओं के लिए अनुकूल वातावरण
तैयार कर रहा है। मध्यप्रदेश राज्य तकनीकी क्षेत्र में नई सुविधाएँ उपलब्ध करा रहा
है और निवेशकों एवं उद्योगपतियों के अनुकूल वातावरण निर्मित कर रहा है। प्रदेश में
स्पेस टेक्नोलॉजी, ड्रोन टेक्नोलॉजी और अन्य उन्नत
तकनीकों के क्षेत्र में नए हब तेजी से विकसित हो रहे हैं।
उद्योग
प्रमुखों के संबोधन
वेना
इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट श्री पार्थ सेनगुप्ता ने एम.पी. टेकग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0 में कहा कि मध्य प्रदेश में GCCs की नई लहर चल रही है।राज्य सरकार के सहयोग के
लिए आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने बताया कि टियर-1
शहरों की चुनौतियों के बीच टियर-2 शहरों, विशेषकर इंदौर और भोपाल में GCCs के लिए बेहतर अवसर हैं। कुशल टैलेंट, सुगम प्रक्रियाएं, प्रोत्साहनकारी
नीतियां, उत्कृष्ट अवसंरचना और उच्च जीवन
गुणवत्ता के कारण इंदौर में GCC सफल हो रहे हैं।
उन्होंने निवेशकों से टियर-2 शहरों की
नवाचार व विकास संभावनाओं का लाभ उठाने का आह्वान किया। अनंत
टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के संस्थापक डॉ. सुब्बाराव पवुलुरी ने स्पेस टेक्नोलॉजी के
महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मध्यप्रदेश को सैटेलाइट निर्माण की एडवांस
टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कदम बढ़ाना चाहिए। उन्नत सैटेलाइट तकनीक के माध्यम से
राज्य में आपदा प्रबंधन के कार्यों को अधिक प्रभावी और आसान बनाया जा सकता है। साथ
ही, उन्होंने ज्ञान के प्रसार के लिए “डिजिटल हाईवे” की स्थापना की बात कही जिससे ज्ञान का
आदान-प्रदान किया जा सकेगा और गांव-गांव तक ज्ञान पहुंचाया जा सकेगा। इज़ी वेंचर्स के श्री इशान हेडन ने कहा कि इस
कार्यक्रम का हिस्सा बनना उनके लिए गौरव की बात है। मध्यप्रदेश में ड्रोन
प्रौद्योगिकी कृषि, खनन, निर्माण
आदि हर क्षेत्र में तीव्र गति से विकसित हो रही है। इस क्षेत्र में भविष्य में
लगभग 50 लाख रोजगार सृजित होने की संभावनाएँ हैं।
मध्यप्रदेश की ड्रोन नीति एक दूरगामी नीति है, जिसमें
प्रशिक्षण, विनिर्माण तथा अनुसंधान एवं विकास जैसे
सभी आयाम सम्मिलित हैं। इसका प्रभावी क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर हो रहा है।
मध्यप्रदेश उभरते हुए प्रौद्योगिकी क्लस्टर का केंद्र बन चुका है। औद्योगिक विकास
के लिए यहाँ समग्र संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध है। इसके परिणामस्वरूप प्रदेश में
उद्योगों एवं निवेश की बयार बह रही है। एएनएसआर के
को-फाउंडर विक्रम आहूजा ने कहा कि जीसीसी वृद्धि में मध्यप्रदेश अग्रणी है। म.प्र.
समर्पित जीसीसी नीति लाने वाला पहला राज्य बना है। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर जैसे शहरों के साथ यह भारत की जीसीसी
कहानी का अगला अध्याय लिखने को तैयार है। इंदौर जैसे शहर अब “टैलेंट हब” बनकर शीर्ष कंपनियों को आकर्षित करेंगे, निवेश लाएंगे और भविष्य के कार्य-मॉडल को नया
रूप देंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा 6 प्रमुख औद्योगिक परियोजनाओं के लिए सीसीआईपी
ऑर्डर जारी किए गए। इन परियोजनाओं से प्रदेश में औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी।
कुल 2999.2 करोड़ के निवेश के साथ लगभग 6150 रोजगार अवसर सृजित होंगे। मुख्यमंत्री डॉ.
यादव ने कहा कि यह कदम ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ के लक्ष्य को साकार करने में
महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और प्रदेश को औद्योगिक प्रगति के नए आयाम प्रदान करेगा।
हाईटेक
प्रदर्शनियाँ
कॉन्क्लेव
में हाई-स्पीड इलेक्ट्रॉनिक्स, एआर/वीआर, ब्लॉकचेन पब्लिक सर्विस, एग्री-ड्रोन एवं तकनीकी अनुसंधान जैसे
क्षेत्रों की नवाचार झलकियाँ प्रदर्शित की गई। इंदौर भोपाल, एवं बड़वानी की कंपनियों द्वारा प्रदर्शित
स्टॉल्स में हाइ स्पीड इलेक्ट्रॉनिक ड्राइव्स, एआर
/ वीआर (AR/VR)-बेस्ड टूरिज्म और फिजियोथेरेपी, पब्लिक सर्विस के लिए ब्लॉकचेन, एग्री ड्रोन, आईटी
प्रोडक्ट और तकनीक की नई खोजों को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया।
