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जबलपुर नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते का एक कारनामा सामने आया है, जिसमें सड़क किनारे ठेला लगाकर समोसे आदि की दुकान चला कर अपने घर परिवार का पालन पोषण करने वाले एक साहू परिवार के ठेले को अतिक्रमण की कार्रवाई के दौरान तोड़ दिया गया, यह कार्यवाही कोतवाली थाने के समीप हुई है।
जबकि जानकार बताते हैं कि इस तरह से अतिक्रमण के नाम पर निगम प्रशासन को किसी भी सामग्री को तोड़ने का अधिकार नहीं है, नगर निगम चाहे तो ऐसे अतिक्रमणकारी के अतिक्रमण को या ठेले को, आदि सामग्री को जप्त कर सकता है और चलानी कार्रवाई कर सकता है, लेकिन इस तरह से अतिक्रमण करने वाली सामग्री को तोड़ा नहीं जा सकता है, जिसको लेकर जनता निगम प्रशासन से सवाल पूछ रही है कि आखिर नगर निगम जब किसी को रोजगार नहीं दे सकता तो किसी की रोजी-रोटी छीन भी नहीं सकता, नगर निगम अतिक्रमण की कार्रवाई के नाम पर गुंडागर्दी पर उतारू हो गया है और बेरोजगार जो ठेला, टपरा लगाकर अपना घर परिवार चला रहें हैं उनको बेरोजगार करने पर तुला है, जिससे ऐसे व्यक्ति रोजगार न होने पर अपराध की शरण ले सकते हैं।
वही जानकार यह भी बताते हैं कि जब बेरोजगार लोग चाय, पान का टपरा और ठेला लगाकर आलू बंडा, समोसे आदि की दुकान लगाकर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करते हुए रोजगार प्राप्त कर रहे हैं, तब इन्हें ऐसी स्थिति में बेरोजगार करने पर यह अपराध की भी शरण ले सकते हैं, ऐसे में ऐसे व्यक्ति बेरोजगार होने पर अपराधी बन सकते हैं,
इसके अलावा ऐसे व्यक्ति जो सड़क किनारे या फुटपाथ के आसपास अपना व अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए छोटी-मोटी दुकान लगाकर व्यवसाय कर रहे हैं तो उन्हें सबसे पहले नगर निगम को व्यवस्थित करने का काम करना चाहिए, एक तरफ मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा फुटपाथ व्यवसाईयों के लिए रोजगार देने की योजना चला रही है,
और नगर निगम के द्वारा रोजगार करने के लिए लोन भी उपलब्ध करवाया जाता है तो वहीं दूसरी तरफ नगर निगम के द्वारा इस तरह की अतिक्रमण विरोधी कार्यवाही मध्य प्रदेश शासन के फुटपाथ व्यापारियों के लिए चलाई जा रही योजना पर सवालिया निशान अंकित करती है।