यहां पर हनुमान जी महाराज हैं डॉक्टर, करते हैं पीड़ितों का इलाज, मिलता है दर्द से आराम

हमारा इंडिया न्यूज (हर पल-हर खबर) मध्यप्रदेश/कटनी। मुहास मंदिर, जिसे संकटमोचन हनुमान मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, मध्यप्रदेश के कटनी जिले में स्थित है। यह मंदिर अपनी इस मान्यता के लिए प्रसिद्ध है कि यहां मिलने वाली जड़ी-बूटी से टूटी हुई हड्डियां जुड़ जाती हैं। मंदिर की कहानी एक साधु से शुरू होती है, जिन्होंने एक ग्रामीण को जड़ी-बूटियाँ दीं, जिससे लोगों का इलाज किया जा सके। बाद में, यह स्थान एक मंदिर में बदल गया और लोग दूर-दूर से यहां आने लगे। 


साधु और जड़ी-बूटी की कहानी:
मुहास गांव में, एक साधु ने अधारी लाल पटेल नामक ग्रामीण को जड़ी-बूटियाँ दीं, जिनका उपयोग लोगों के इलाज के लिए किया जा सकता था। 

मंदिर का हुआ निर्माण:
अधारी लाल पटेल ने इन जड़ी-बूटियों को लोगों को देना शुरू कर दिया, और जिस स्थान पर वे जड़ी-बूटियाँ देते थे, वह बाद में एक मंदिर में बदल गया। 

हनुमान जी का है मंदिर:
यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है, और इसे संकटमोचन हनुमान मंदिर के रूप में जाना जाता है। 

हड्डी जोड़ने की यह है मान्यता:
मंदिर के बारे में यह मान्यता है कि यहां मिलने वाली जड़ी-बूटी से टूटी हुई हड्डियां जुड़ जाती हैं, हालांकि विज्ञान इसे नहीं मानता। 

भक्तों का है विश्वास:
मंदिर में आने वाले भक्त, विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को, इस मान्यता पर विश्वास करते हैं और यहां आकर अपनी टूटी हुई हड्डियों के ठीक होने की प्रार्थना करते हैं। 

पुजारी और जड़ी-बूटी के बारे में:
मंदिर के पुजारी, सरमन पटेल, जो अधारी लाल पटेल के बेटे हैं, आने वाले भक्तों को जड़ी-बूटी देते हैं। 

सामुदायिक सहयोग से हुआ है निर्माण:
मंदिर का निर्माण ग्रामीणों के सहयोग से 1984 में शुरू हुआ था और 1986 में पूरा हुआ था। 

यह हैं सुविधाएं:
मंदिर परिसर में भक्तों की सुविधा के लिए धर्मशाला और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।  यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि लोगों की आस्था और विश्वास का भी प्रतीक है।




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